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सूर्यास्त के बाद उधार देना चाहिए या नहीं ?

सूर्यास्त के बाद उधार देना चाहिए या नहीं — यह प्रश्न मुख्यतः धार्मिक, ज्योतिषीय और सांस्कृतिक मान्यताओं पर आधारित है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:

🌙 हिंदू शास्त्रों और परंपराओं के अनुसार:

उधार (ऋण) देना सूर्यास्त के बाद वर्जित माना गया है

ऐसा माना जाता है कि सूर्यास्त के बाद धन, अन्न, या वस्तुएँ उधार देने से घर में दरिद्रता (गरीबी) आ सकती है।

यह भी कहा जाता है कि रात में उधार देने से लक्ष्मी जी का अपमान होता है, जिससे धन की हानि होती है।

गृह लक्ष्मी और ऊर्जा का नियम:

धार्मिक रूप से रात के समय धन स्थिर रहने देना शुभ माना गया है, ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।

"रात्रौ दानं न कर्तव्यम्" – एक पुरानी कहावत है जिसका अर्थ है "रात्रि में दान (या उधार) नहीं देना चाहिए"।

🔍 प्रैक्टिकल दृष्टिकोण से:

रात को उधार देने में धोखे की संभावना अधिक होती है क्योंकि:

लेन-देन की पुष्टि करना मुश्किल होता है।

दस्तावेज़ीकरण नहीं होता।

गवाह नहीं होते।

📿 क्या-क्या उधार नहीं देना चाहिए सूर्यास्त के बाद?

वस्तुकारण/विश्वास
धन (पैसे)लक्ष्मी का ह्रास, दरिद्रता का योग
अन्नघर की समृद्धि प्रभावित होती है
नमककलह और आर्थिक तंगी बढ़ती है
झाड़ूघर की लक्ष्मी चली जाती है
अग्नि (जैसे दीया)घर की ऊर्जा कम होती है

 

किन चीजों पर यह नियम लागू नहीं होता:

आपातकालीन स्थिति (emergency) में यदि किसी की मदद करनी हो तो यह नियम बाध्यकारी नहीं है।

भलाई के लिए किया गया कार्य (जैसे किसी बीमार को दवा के लिए पैसे देना) पुण्य माना जाता है।

📝 निष्कर्ष:

धार्मिक रूप से: सूर्यास्त के बाद उधार देने से बचना चाहिए।

प्रैक्टिकली भी: लेन-देन दिन के समय करना बेहतर होता है।

लेकिन: यदि किसी की जरूरत हो, और आपका उद्देश्य मदद करना हो, तो निसंकोच मदद करें – लेकिन सावधानी और रिकॉर्ड के साथ।


नीचे एक प्रसिद्ध दोहा है जो उधार देने और शाम के बाद लेन-देन से जुड़ी परंपराओं को दर्शाता है:

🌅 सूर्यास्त के बाद उधार न देने का दोहा:

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संध्या दान, ऋण, अन्न जो, देवे दिन के बाद। लक्ष्मी रुष्ट भवन तजें, दरिद्र बसे अवसाद।।

अर्थ:
जो व्यक्ति सूर्यास्त (संध्या) के बाद दान, ऋण (उधार) या अन्न देता है, उससे लक्ष्मी रुष्ट होकर घर छोड़ देती हैं और दरिद्रता (गरीबी) घर में वास करने लगती है।

यह दोहा शास्त्रीय और लोक मान्यताओं को सरल शब्दों में समझाने का प्रयास है।

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